संगठन स्वयं ज्ञान का एक जैविक निकाय है, जो लगातार नए ज्ञान को अवशोषित, रूपांतरित और उत्पादित करता रहता है। कार्य-अध्ययन एकीकरण और अध्ययन-कार्य एकीकरण की प्रवृत्ति संगठनात्मक कार्यों की विकास प्रवृत्ति है, और किसी उद्यम की सीखने की क्षमता उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता का मुख्य तत्व है।